Himachal Live News: हिमाचल पुलिस ने 2,500 करोड़ के क्रिप्टो घोटाले के मास्टरमाइंड को दबोचा
Himachal Live News | हिमाचल प्रदेश पुलिस ने 2022 में राज्य में उजागर हुए 2,500 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के मास्टरमाइंड में से एक को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। Himachal Live News उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी मिलन गर्ग (35) को बुधवार रात कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह थाईलैंड के बैंकॉक भागने की कोशिश कर रहा था। उत्तरी रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अभिषेक धुल्लर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि गर्ग कथित तौर पर एक नकली क्रिप्टोकरेंसी के डिजाइन और विपणन में शामिल था, जिसे बाद में शिमला लाया गया। घोटाले के प्रकाश में आने के बाद गर्ग पहले दुबई भाग गया था, वह जून में भारत लौट आया था और फिर से देश छोड़कर जा रहा था, तभी उसे कोलकाता हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया।
मामले की जांच कर रही एसआईटी का नेतृत्व कर रहे धुल्लर ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर शिमला लाया गया है। धुल्लर ने बताया कि आरोपी, सरगना सुभाष शर्मा का मुख्य सहयोगी है, जो अभी भी फरार है। वह क्रिप्टोकरेंसी की डिजाइनिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और मार्केटिंग में शामिल था। उन्होंने कहा कि वह संभावित निवेशकों को भी समझाएगा।
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हजारों लोगों को ठगने वाला क्रिप्टोकरेंसी घोटाला वर्ष 2018 में शुरू हुआ था, लेकिन साल 2022 में सामने आया जब अपराधियों ने निवेशकों को मुंह बंद रखने की धमकी दी थी। लोगों को मामले में तब कुछ गड़बड़ लगी, जब उन्हें बदले में पैसे नहीं मिले, परन्तु पीड़ितों ने धोखेबाजों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आए।
इसके बावजूद बाद में हज़ारों पीड़ित सामने आए और घोटालेबाजों के तौर-तरीकों का भांडा फोड़ा। अब तक 300 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। पुलिस ने मामले के सिलसिले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया है और अब तक 70 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चूका है। जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमे, मंडी के हेमराज, सुखदेव और हिमाचल के ऊना जिले के अरुण गुलेरिया और अभिषेक शामिल हैं। घोटालेबाजों ने कम समय में आकर्षक रिटर्न का वादा करके लोगों को लुभाया और निवेशकों का एक नेटवर्क बनाया। पुलिसकर्मियों और अध्यापकों सहित समाज के अलग अलग वर्ग के लोगों ने जल्दी रिटर्न के लिए इस योजना में शामिल हो गए।
धोखेबाजों ने स्थानीय रूप से निर्मित (मंडी जिले में) क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित एक निवेश योजना के साथ लोगों से संपर्क किया, जिसे 'कोर्वियो कॉइन' या केआरओ कॉइन के रूप में जाना जाता है। पुलिस ने कहा कि तीन से चार प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया और झूठी वेबसाइटें बनाई गईं, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में हेरफेर किया गया और उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया।
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