Himachal Live News - मानसून का कहर: शिमला में मलबे और कीचड़ से इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्त
Himachal Live News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मानसून सीजन की पहली बारिश में खतरे की घंटी बज रही है। कल रात 3 घंटे से ज्यादा समय तक हुई भारी बारिश के बाद शहर के निचले इलाके में यही इमारत में मालवा घुस गया और एक रिटेनिंग दीवार रह गई। Himachal Live News शहर के दूसरे क्षेत्र मलयाना में तीन गाड़ियां मलबे के अंदर दब गई। ग्रामीणों को आज सुबह गाड़ियों को मलबे के नीचे से निकलना पड़ा। प्रदेश की राजधानी शिमला और इसके आसपास के क्षेत्र में भारी-बड़ी हुई। शिमला में 84.3 मिलीमीटर बारिश हुई।
दिल्ली में सड़क के किनारे नाले के जाम होने के कारण की वजह से बारिश का पानी और कीचड़ घरों में घुस गया। बारिश का पानी सड़क पर बह गया, और कीचड़ ढलान से नीचे घरों में बह गया, जो सड़क से लगभग 500 मीटर दूर है। पुष्पा ठाकुर जिनका इमारत में एक फ्लैट है उन्होंने कहा कि आधी रात को उन्होंने अपने घर की बालकनी को कीचड़ और मलबे से ढका हुआ पाया। निचली मंजिल पूरी तरह से कीचड़ से भरी हुई थी। हम अपनी जान के लिए डरे हुए थे। उन्होंने कहा कि अब मलबे को देखिए हम इसे कहां डालेंगे ? मलबे एक बड़े ढेर की ओर इशारा करते हुए उन्होंने यह बात कही।
Himachal News in Hindi कुलदीप सिंह जिनकी इमारत भी कीचड़ में आ गई उन्होंने कहा कि शिमला में बारिश के बाद करीब 10 दिन पहले भी मलवा उनकी इमारत में घुस गया था। हमने इस समस्या के बारे में नगर निगम और लोक निर्माण विभाग से शिकायत की थी लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। एजेंसियां एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रही। उन्होंने कहा कि आज सुबह जब हमने यातायात के लिए सड़क बंद की तभी प्रशासन के अधिकारी यहां आए।
मलयाना निवासियों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग में सड़क के किनारे मालवा डाला था और कल रात तेज बारिश के बाद पूरा मलवा नीचे आ गया जिसे तीन गाड़ियां दब गई। वाहनों को नुकसान पहुंचाने के अलावा हमारे पानी के प्राकृतिक स्रोत को भी नष्ट कर दिया। मलयाना निवासी कुलदीप ठाकुर ने कहा कि पीडब्ल्यूडी ने अपना मालवा पहाड़ी ढलानों पर फेंक दिया है।
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