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Himachal Live News: हिमाचल: दसवीं कक्षा के खराब परिणामों पर 250 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी

Himachal Live News: हिमाचल: दसवीं कक्षा के खराब परिणामों पर 250 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी

Himachal Live News | हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग इस वर्ष कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में अपने छात्रों के खराब परिणाम को लेकर 250 से अधिक शिक्षकों को कारण बताओं नोटिस भेजेगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने डाटा एकत्रित किया और उसमें यह जानकारी मिली कि 116 स्कूलों में पास प्रतिशत 25% से कम था, और इन 116 स्कूलों में से 30 स्कूलों में पास प्रतिशत शून्य प्रतिशत था। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि हम इन 116 विद्यालय में 250 से ज्यादा टीजीटी को कारण बताओं नोटिस भेज रहे हैं। इन स्कूलों में शास्त्रीय और स्थानीय भाषा के शिक्षकों से उपनेदशक द्वारा स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

Himachal Live News - 250 Himachal teachers to get show-cause notices over poor Class X results



वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित हो सकते हैं शिक्षक


  • 116 विद्यालयों में 250 से अधिक शिक्षकों को कारण बताओं नोटिस भेजे जा रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया इन स्कूलों के शास्त्रीय और स्थानीय भाषा के शिक्षकों से भी उपनिदेशक द्वारा स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

  • कोहली ने बताया कि शिक्षा विभाग इन विद्यालयों के प्रिंसिपलों या हेडमास्टरों से भी स्पष्टीकरण मांगने के लिए शिक्षा सचिव को पत्र लिखेगा।

  • अगर वे छात्रों के खराब प्रदर्शन के लिए कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे पाए तो इन शिक्षकों और प्रिंसिपलों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोग भी जाएगी।

  • कोहली ने बताया कि विभाग इन स्कूलों के प्रिंसिपलों हेडमास्टरों से भी स्पष्टीकरण मांगने के लिए शिक्षा सचिव को पत्र लिखेगा और अगर यह छात्रों के खराब प्रदर्शन के लिए कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे पाए तो इन शिक्षकों और प्रिंसिपलों की की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है।

सरकारी नियमों में उन स्कूलों के शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगने का प्रावधान है जहां बोर्ड परीक्षा का परिणाम 25 फीसदी से कम रहा है। सूत्रों के मुताबिक विभाग ने पिछले तीन-चार सालों से खराब नीतियों के लिए शिक्षकों से स्पष्टीकरण नहीं मांगा है। Himachal News Today हिमाचल प्रदेश में सरकारी विद्यालयों से छात्र तेजी से निजी स्कूलों की ओर जा रहे हैं। हालांकि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों को ज्यादातर निजी स्कूलों को शिक्षकों की तुलना में अच्छा वेतन और बेहतर प्रशिक्षण मिलता है। लेकिन लोग निजी संस्थाओं को प्राथमिकता देते हैं।


हिमाचल प्रदेश सरकारी शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंदर चौहान ने कहा कि इस तरह के खराब नतीजे भले ही कम संख्या में स्कूलों में हो, सरकारी विद्यालयों  से निजी संस्थानों में छात्रों के पलायन और बढ़ावा देंगे। अगर इन स्कूलों में शिक्षकों की जरूरी संख्या थी तो यह उनकी ओर से स्पष्ट रूप से लापरवाही है। इसलिएअपना कार्य ठीक ढंग से नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही करना उचित है। शिक्षकों को अच्छा वेतन मिल रहा है इसलिए वे अपनी जिम्मेदारियां को अनदेखा नहीं कर सकते।


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