बर्फबारी के कारण 1749 ट्रांसफार्मर , 652 सड़कें और 78 जल परियोजनाएं हुई बर्बाद , राज्य में जनजीवन बिखरा
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। भरी बर्फबारी और बारिश के कारण राज्य के यातायात , बिजली और पेयजल पर काफी असर पड़ा है। राज्य में बहुत से इलाके अँधेरे में डूब गए हैं जबकि लाहौल स्पीति इलाकों से तो सम्पर्क टूट चूका है। राज्य में 652 सड़के , 1749 ट्रांसफार्मर और इसके 78 पीने वाले जल की परियोजनाएं बफन हो चुकी हैं। सबसे अधिक सड़कें 290 लाहौल स्पीति में टूटी हैं और नाहन में 471 ट्रांसफार्मर बर्बाद हुए हैं। इधर भरी बारिश का असर देखने को मिल रहा है।
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नेशनल हाईवे पर भी बारिश का केहर - '
राज्य में 652 सड़कें एवं पांच नेशनल हाईवे बारिश की बजह से ठप्प हुए हैं। लाहौल स्पीति में सबसे अधिक सडकन 290 बंद हुई हैं। यहां की ज्यादातर क्षेत्रों से सम्पर्क टूट चूका है। लाहौल स्पीति में कुल 242 सड़कें बंद हुई हैं और उदयपुर में 48 सड़कें बंद हैं। राजधानी शिमला में 149 सड़कें रुकी हैं। रोहड़ू में 74 , जुब्बल में 28 रामपुर में 17 , चौपाल में 13 और कुसारसेन में 2 सड़कें टूटी हैं।
ट्रांसफार्मर बंद होने से हुआ अँधेरा , जनता तनाव में -
राज्य में 1749 ट्रांसफार्मर से बिजली जा चुकी है। हज़ारो इलाके अँधेरे में हैं। सबसे अधिक ट्रांसफार्मर नाहन में खराब हुए हैं। यहां 471 ट्रांसफार्मर पिछले 24 घंटो में बारिश की बजह से बंद हैं। पोंटा साहिब में 261 , नाहन में 210 ट्रांसफार्मर खराब हैं। किन्नौर में 358 , लाहौल स्पीति में 314 , चम्बा जिले में 258 , मंडी में 162 , शिमला में 117 काँगड़ा में 33 में 36 ट्रांसफार्मर बंद हैं।
पेयजल परियोजनाओं पर भी बारिश का असर -
बर्फबारी का असर 78 पीने वाले पानी की परियोजनाओं पर भी पड़ा है। राज्य की राजधानी शिमला में सबसे ज्यादा 69 योजनाएं ठप्प हुई हैं। इन योजनाओं से जिन इलाकों में पानी की सप्लाई होती थी , वहां सूखे का संकट बन चूका है। इनमे रामपुर में 16 , जब्बल और ठियोग में 13-13 , कोटखाई में 15 कुमारसेन में 12 पेयजल परियोजनाएं बंद है।
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