भारत की बेटियों ने इतिहास रचा है , इस टूर्नामेट में पहली बार फाइनल में पहुंची हैं
भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने पहली बार इतिहास रचने का कार्य किया है। टीम ने शनिवार को 2 बार रह चुकी चैंपियन टीम जापान को 3 -2 से सेमीफइनल में हराया। ऐसा करके पहली बार भारत की बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची है। त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद की यह अनोखी जोड़ी, जो दुनिया के 23वें नंबर पर है, ने अपनी शानदार प्रदर्शन करके भारत को फाइनल मुकाबले तक पहुंचाया। वहीं, अश्मिता चालिहा और 17 वर्षीय अनमोल खरब ने पहले युगल और फिर एकल में उत्कृष्ट जीत हासिल की, जिनसे भारत को गर्व का मौका मिला। रविवार को फाइनल मैच में भारत का मुकाबला थाईलैंड से होगा।
जापान की टीम, जो कि दुनिया की चौथी श्रेणी के खिलाड़ी अकाने यामागुची, दुनिया की सातवें नंबर की युकी फुकुशिमा और सियाका हीरोता, तथा दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी मायू मोत्सूमोतो और वकाना नाघारा के बिना खेल रही थी। अपनी चोट की बजह से लम्बे समय बाद सिंधु ने वापसी करि है ,और उन्होंने चीन की हान यूए और हांगकांग की लो सिन यान हैप्पी के विरुद्ध जीत हासिल करि थी। लेकिन वे आया अहोरी जो की बाएं हाथ की खिलाडी हैं , उनके खिलाफ अपना बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर सकीं और पहले मैच में 13 - 21 ,20 - 22 से मुकाबला हार गयीं।
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