प्रदेश में सख्ती से होगी मेन्टल हेल्थ पालिसी लागु , धनीराम शंडित बोले
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने राज्य में मानसिक स्वास्थ्य निति को लागु करने और उसे सख्ती से पालन करने की बात कही है। अस्पतालों के अंदर कई मामले सामने आ रहे हैं। मरीजों की कॉउंसलिंग के लिए एक ढांचे को तैयार किया जायेगा। व्लॉक लेवल के हॉस्पिटलों में मनोरोग डॉक्टरों को तैनात किया जायेगा। इसके साथ ही राज्य की आवश्यक दवाइयों की सूचि में मानसिक रोग की दवाइयों को जोड़ा जायेगा। राज्य में 6 फीसदी जनता मेन्टल हेल्थ से ग्रस्त है। उन्होंने कहा की आदर्श नशा केंद्र भी खोले जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री शांडिल ने ये जानकारी प्रदेश विधानसभा में विधायक भवानी सिंह पठानिया की ओर से पूछे गए प्रश्न और गैर सरकारी संकल्प प्रस्ताव पर चर्चा में कहा। उनका कहना कॉउंसलिंग को एक विषय बनाने की आवश्यकता है। प्रदेश में कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए ताकि लोग इसके बारे में सचेत हों। बच्चे स्कूलों से वापिस न आ जाएँ तब तक माता पिता को टेंशन रहती है। आत्महत्या के मामले बहुत चिंता योग्य हैं। टांडा हॉस्पिटल में भी मेन्टल हेल्थ के रोगियों के अस्प्ताल को और मजबूत बनाने की आवस्य्क्ता है।
मंत्री का पुत्र बड़ी बात नहीं है , गरीब का संस्कारी -
बीजेपी विधायक विपिन सिंह परमार ने शिमला सदन में कैप्टन विक्रम बत्रां की शाहदत को याद किया। उन्होंने कहा की कई लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। संस्कार न मिलने के जिम्मेदार बच्चे नहीं माता पिता हैं। युवाओं को जो गलत शिक्षा दे रहा है उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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