हिमाचल प्रदेश में सेबों के पौधों की बढ़ी मांग , बर्फ़बारी के बाद नरसरियों में 30 % का मुनाफा।
हिमाचल प्रदेश में बारिश बर्फवारी के बाद नरसरियों में पौधों की मांग में तेज़्ज़ी आयी है। बारिश और बर्फवारी से मिटटी में उचित पानी की नमी हो चुकी है। ऐसे में किसान अपने बगीचों में नए पौधे लगाने के लिए लग पड़े हैं। नरसरी में भी सेबों के साथ अन्य पौधों की डिमांड बढ़ी है। नरसरियों के मालिकों का ये कहना है की इस बार पौधों की डिमांड में 30 % का इज़ाफ़ा है परन्तु पिछले साल की तुलना में उनका कारोबार अभी भी आधा ही है।
राज्य के कुल्लू , शिमला , लाहौल स्पीति आदि जगहों में बागवान पुराने पौधों के नष्ट होने के बाद नए पौधे लगा रहे हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है की किसान अपने पौधों की देखरेख डिजिटल तरिके से करें। हालाँकि अभी इस महीने को ख़त्म होने के लिए अभी शेष समय है।
विशेषज्ञों का कहना है की बागबानों ने सेब के पेड़ों को काटना और उनकी काटछांट दिसंबर के महीने में ही शुरू कर दी थी। समय से पहले और समय के बाद किये गए काम में समस्याएं पैदा होती हैं। विशेषज्ञों का ये भी कहना है की किसान और बागबान पौधे लेते समय इस बात को ध्यान दे की पौधा एक दम स्वस्थ हो और मार्च के महीने में पौधे लगाने का कार्य शुरू करें।
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