राज्य में बनी 14 दवाइयां खाने योग्य नहीं ,मार्किट से वापिस मंगवाया गया स्टॉक
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ( CDSCO ) की गयी जांच में हिमाचल प्रदेश के 12 दवा उद्योगों में बनी 14 ओषधियाँ गुणवत्ता के मामले में खरी नहीं उत्तर पायीं। राष्ट्रीय स्तर पर अवमानक घोषित किये गए दवाई के नमूने में से करीब एक तिहाई कंपनियां संबंध रखती हैं। जो दवाइयां खाने योग्य नहीं है उनमे डाईविटीज , बैक्टीरियल संक्रमण , भूख बढ़ने , आँखों में बैक्टीरियल संक्रमण , एलेर्जी आदि को नियंत्रित दवाईयां व इंजेक्शन शामिल हैं CDSCO की जनुअरी महीने के ड्रग अलर्ट में खुलासा हुआ है की ये दवाइयां बड़ी , पांवटा साहिब , नालागढ़ , सोलन संसारपुर टेरेंस और बरोटीवाला में बने दवाई के उद्योगों में बनी हैं। इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली , उत्तर प्रदेश , पश्चिम बंगाल , उत्तराखंड , हरियाणा , गुजरात , हैदराबाद , मध्यप्रदेश में बने दवाई उद्योग में बनीं 32 तरिके की दवाइयां सैंपल में फ़ैल हो गयी हैं। जनवरी महीने में CDSCO ने पूरे देश से 932 दवाइयों के सैंपल लिए थे जिनमे से 46 सैंपल फ़ैल हो गए हैं और 886 दवाएं अछि गुणवत्ता की निकली हैं।
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